Q. पशुधन में कृत्रिम गर्भाधान का प्राथमिक उद्देश्य है:
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[A] खाद्य उत्पादक जंतुओं में आनुवंशिक सुधार की दर में वृद्धि

[B] जंतुओं के बीच यौन संचारित रोगों के प्रसार को रोकना

[C] प्रजनन करने वाले जंतुओं को बनाए रखने की लागत को कम करना

[D] जंतुओं में प्राकृतिक मैटिंग की आवश्यकता को समाप्त करना

Answer: A
Notes:

व्याख्या –

कृत्रिम गर्भाधान (AI) पशुधन प्रजनन में व्यापक रूप से इस्तेमाल की जाने वाली तकनीक है, खास तौर पर इसलिए क्योंकि यह बड़ी आबादी में वांछित आनुवंशिक लक्षणों के तेजी से प्रसार की अनुमति देता है। पशुपालन में, AI का उपयोग मुख्य रूप से आनुवंशिक गुणवत्ता और उत्पादकता में सुधार के लिए किया जाता है। यह बेहतर नस्लों की आनुवंशिक सामग्री के व्यापक उपयोग की अनुमति देता है, जिससे डेयरी मवेशियों और सूअरों जैसे पशुधन की प्रजनन क्षमता में वृद्धि होती है। जबकि AI यौन संचारित रोगों के प्रसार को रोकने में भी मदद करता है, प्रजनन करने वाले नरों को बनाए रखने की लागत को कम करता है, और प्राकृतिक संभोग की आवश्यकता को समाप्त करता है, इसका प्राथमिक उद्देश्य और सबसे महत्वपूर्ण लाभ पशुधन आबादी के भीतर आनुवंशिक सुधार को तेज करना है।

Source: The Hindu

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