Q. पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील क्षेत्रों (ESAs) के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: 1. इन क्षेत्रों को वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के तहत घोषित किया गया है। 2. ESAs राष्ट्रीय उद्यानों और वन्यजीव अभयारण्यों से अधिकतम 1 किलोमीटर तक विस्तारित हो सकते हैं। 3. ESAs में अक्सर स्थानिक प्रजातियों की संख्या अधिक होती है। ऊपर दिए गए कथनों में से कितने सही हैं?
Answer: A
Notes:
व्याख्या –
कथन 1 और 2 गलत हैं। पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील क्षेत्रों (ESAs), जिन्हें अक्सर इको-सेंसिटिव ज़ोन (ESZs) कहा जाता है, को पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 के तहत अधिसूचित किया जाता है। ESZs 2002 की वन्यजीव संरक्षण रणनीति के अनुसार संरक्षित क्षेत्रों के आसपास 10 किलोमीटर या उससे अधिक तक का विस्तार कर सकते हैं।
कथन 3 सही है। ESZs को उनके अद्वितीय जैविक संसाधनों के कारण नामित किया गया है और इसमें अक्सर बड़ी संख्या में स्थानिक प्रजातियां शामिल होती हैं, जो किसी विशेष क्षेत्र की मूल निवासी प्रजातियां होती हैं और अन्यत्र नहीं पाई जाती हैं।
Source: The Hindu