Q. 10. थोरियम-आधारित लघु मॉड्यूलर रिएक्टर (SMR) के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:
1. भारत के पास महाराष्ट्र राज्य में पहले से ही काम कर रहा थोरियम-आधारित SMR है।
.2. यह यूरेनियम आधारित SMR की तुलना में बहुत कम रेडियोधर्मी परमाणु अपशिष्ट पैदा करता है।
3. भारत अपने परमाणु ऊर्जा मिशन के तहत 2033 तक कम से कम पांच स्वदेशी रूप से डिजाइन किए गए परिचालन थोरियम-आधारित SMRs का लक्ष्य रखता है।
उपर्युक्त कथनों में से कितने सही हैं?
Quarterly-SFG-Jan-to-March
Red Book

[A] केवल एक

[B] केवल दो

[C] सभी तीन

[D] कोई नहीं

Answer: B
Notes:

व्याख्या : कथन 2 और 3 सही हैं

कथन 1 गलत है: थोरियम-आधारित SMRs अभी भी परीक्षण चरण में हैं और दुनिया भर में इनकी कोई सक्रिय तैनाती नहीं है।

कथन 2 सही है: थोरियम आधारित SMRs के लाभ: इन्हें हथियार बनाना मुश्किल है। वे कम परमाणु अपशिष्ट भी पैदा करते हैं। एक बड़ा लाभ यह है कि भारत के पास थोरियम का बड़ा भंडार है, इस प्रकार यूरेनियम जैसी अन्य विखंडनीय सामग्रियों के लिए आयात पर निर्भरता कम करके अधिक ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है।

कथन 3 सही है: केंद्रीय बजट 2025-26 ने परमाणु ऊर्जा मिशन के तहत छोटे मॉड्यूलर रिएक्टरों में अनुसंधान एवं विकास के लिए 20,000 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं, जिसका लक्ष्य 2033 तक कम से कम पांच स्वदेशी रूप से डिजाइन किए गए परिचालन SMRs हैं। यह 2047 तक भारत के 100 गीगावॉट परमाणु ऊर्जा क्षमता के लक्ष्य के अनुरूप है।

Source: DH

 


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