Q. 8. सिंधु जल संधि (1960) के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:
1. इस संधि पर भारत और पाकिस्तान के बीच हस्ताक्षर हुए थे, जिसमें विश्व बैंक मध्यस्थ और हस्ताक्षरकर्ता था।
2. संधि पश्चिमी नदियों (सिंधु, चिनाब, झेलम) को भारत और पूर्वी नदियों (व्यास, रावी, सतलुज) को पाकिस्तान को आवंटित करती है।
3. भारत सिंधु प्रणाली के कुल पानी का लगभग 20% नियंत्रित करता है, जबकि पाकिस्तान लगभग 80% नियंत्रित करता है।
4. संधि में स्थायी आयोग, तटस्थ विशेषज्ञ और मध्यस्थता न्यायालय सहित तीन-चरणीय विवाद समाधान तंत्र का प्रावधान है।
उपर्युक्त कथनों में से कितने सही हैं?
Quarterly-SFG-Jan-to-March
Red Book

[A] एक

[B] दो

[C] तीन

[D] चार

Answer: C
Notes:

व्याख्या :

कथन 1: सही- सिंधु जल संधि (1960) पर भारत और पाकिस्तान के बीच नौ साल की बातचीत के बाद हस्ताक्षर किए गए थे, जिसमें विश्व बैंक ने मध्यस्थ और हस्ताक्षरकर्ता के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

कथन 2: गलत- संधि पश्चिमी नदियों (सिंधु, चिनाब, झेलम) को पाकिस्तान और पूर्वी नदियों (व्यास, रावी, सतलुज) को भारत को आवंटित करती है, इसके विपरीत नहीं।

कथन 3: सही- भारत सिंधु प्रणाली के कुल जल का लगभग 20% नियंत्रित करता है, जबकि पाकिस्तान लगभग 80% नियंत्रित करता है। यह आवंटन संधि के अनुसार दोनों देशों के बीच नदियों के विभाजन का अनुसरण करता है।

कथन 4: सही- संधि तीन-चरणीय विवाद समाधान तंत्र प्रदान करती है:

  1. स्थायी आयोग
  2. तटस्थ विशेषज्ञ (यदि विवाद अनसुलझे रहते हैं तो विश्व बैंक द्वारा नियुक्त)
  3. मध्यस्थता न्यायालय (यदि कोई भी देश तटस्थ विशेषज्ञ के निर्णय से असंतुष्ट है)।

SourceIE


Discover more from Free UPSC IAS Preparation Syllabus and Materials For Aspirants

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Blog
Academy
Community