अल्लाहऐबुतोहमेंदिखलाएलखनऊ
सोतेमेंभीयेकहतेहैंहमहाएलखनऊ
ऐसाहुआहूँहिज्रमेंउसकेनहीफ़-ओ-ज़ार
देखेअगरमुझेवहींशरमाएलखनऊ
आएनमेरेपासतोमैंआपहीचलूँ
मुझकोख़ुदाकरेकहींबुलवाएलखनऊ
कलकत्ताकेहसीनोंकोजबदेखलेताहूँ
उसवक़्तदिलमेंहोताहैसौदा-ए-लखनऊ
अबलुटगयाहैक्यारहादोज़ख़सेबढ़केहै
रश्क-ए-बहिश्तकहतेथेसबजा-ए-लखनऊ
ख़ुश-चश्मीआहुओंकीवोभूलेजहानमें
देखेजोआँखनर्गिस-ए-शहला-ए-लखनऊ
गुलशनअजबबहारकेहरक़स्ररश्क-ए-ख़ुल्द
औरगोमतीग़ज़बकीहैदरिया-ए-लखनऊ
हूर-ओ-परीकोरश्कथाइकएकशख़्सपर
बे-मिस्लथेसभीमह-ए-सीमा-ए-लखनऊ
मरनेकेबा'दभीनमिटेगाजिगरसेदाग़
जन्नतमेंहमकोहोएगीपरवा-ए-लखनऊ
जबसेहटाहैवोतह-ओ-बालायेहोगया
जन्नतकोईज़रूरथाबाला-ए-लखनऊ
मैंक्याकहूँफ़क़ीरोंकोजोकुछग़ुरूरथा
इकइकगदा-ए-शहरथादारा-ए-लखनऊ
हटतानहींतसव्वुर-ए-अस्बाब-ओ-मुल्क-ओ-माल
कानोंमेंबजरहीहैवोशहना-ए-लखनऊ
क्याक्याहसींथेजम्अ'परिस्ताँकातख़्ताथा
नज़रोंमेंफिरतेहैंरुख़-ए-ज़ेबा-ए-लखनऊ
शाहोंपेफ़ख़्रकरतेथेइसमुल्ककेगदा
थामिस्ल-ए-जाम-ए-जममय-ओ-मीना-ए-लखनऊ
हर-चंदलाखतरहभुलाताहूँयादको
'अख़्तर'पुकारउठताहैदिलहाएलखनऊ
@Agog so sorry bhai( I respect your views but it’s not necessary that we both should have same views) . Let’s leave it here only and focus on what we can do i.e Prelims rather than what is beyond our control
चोटें खाकर बिफरो, कुछ अधिक तनो रे
धधको स्फुलिंग में बढ़ अंगार बनो रे!
( like superposition in quantum computing)