Q. 2. निम्नलिखित बादामी (वातापी) चालुक्य राजाओं में से कौन ‘राणा-रसिका’ की उपाधि धारण करने के लिए जाना जाता है?
व्याख्या : विक्रमादित्य I पुलकेशिन II का पुत्र था और उसने 654 और 681 ईस्वी के बीच शासन किया। पुलकेशिन II की मृत्यु के बाद, चालुक्य साम्राज्य को आंतरिक कलह और बाहरी खतरों का सामना करना पड़ा, विशेष रूप से पल्लवों से, जिन्होंने चालुक्य की राजधानी वातापी (बादामी) पर कब्जा कर लिया था। उनकी सबसे महत्वपूर्ण उपलब्धि पल्लवों को वातापी से बाहर निकालना और चालुक्य राजधानी को पुनः प्राप्त करना था, जो चालुक्य-पल्लव प्रतिद्वंद्विता में एक महत्वपूर्ण मोड़ था। उन्होंने पल्लवों की राजधानी कांचीपुरम को लूटकर चालुक्य साम्राज्य को मजबूत किया। उन्होंने महाराजाधिराज (“महान राजाओं का राजा”), सत्याश्रय, राजाधिराज और राणा-रासिका (“युद्ध प्रेमी”) जैसी भव्य उपाधियाँ अपनाईं, जो उनकी सैन्य शक्ति को दर्शाती थीं और उन्होंने संप्रभुता को पुनर्स्थापित किया।
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