Q. 4. UAPA न्यायाधिकरण के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:
1. केंद्र सरकार आधिकारिक राजपत्र में अधिसूचना द्वारा न्यायाधिकरण का गठन कर सकती है।
2. न्यायाधिकरण में एक व्यक्ति होता है, जो उच्च न्यायालय का न्यायाधीश होना चाहिए।
3. न्यायाधिकरण के पास सिविल प्रक्रिया संहिता (1908) के तहत एक सिविल कोर्ट की शक्तियाँ हैं।
ऊपर दिए गए कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?
Answer: D
Notes:
व्याख्या :
- कथन 1: केंद्र सरकार के पास गैरकानूनी गतिविधियाँ (रोकथाम) अधिनियम, 1967 की धारा 5(1) के अनुसार आधिकारिक राजपत्र में अधिसूचना जारी करके यूएपीए न्यायाधिकरण का गठन करने का अधिकार है।
- कथन 2: न्यायाधिकरण में एक ही सदस्य होता है, जो उच्च न्यायालय का न्यायाधीश होना चाहिए। यह आवश्यकता अधिनियम की धारा 5(1) में स्पष्ट रूप से बताई गई है।
- कथन 3: न्यायाधिकरण के पास सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 के तहत सिविल न्यायालय के समान शक्तियाँ हैं, जो उसे गवाहों को बुलाने, साक्ष्य प्राप्त करने और उपस्थिति सुनिश्चित करने में सक्षम बनाती हैं। यह अधिनियम की धारा 5(3) में उल्लिखित है।
Source– TH
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