Q. 6. भारत में अंतर-राज्यीय नदी जल विवादों के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:
1. अनुच्छेद 262 संसद को अंतर-राज्यीय नदी जल विवादों से संबंधित मामलों में सर्वोच्च न्यायालय और अन्य न्यायालयों के अधिकार क्षेत्र को प्रतिबंधित करने का अधिकार देता है।
2. नदी बोर्ड अधिनियम, 1956 का उपयोग समन्वित नदी बेसिन विकास के लिए कई नदी बोर्ड स्थापित करने के लिए प्रभावी रूप से किया गया है।
3. सरकारिया आयोग की सिफारिशों के आधार पर समयबद्ध न्यायाधिकरण गठन और पुरस्कार वितरण शुरू करने के लिए अंतर-राज्यीय जल विवाद अधिनियम, 1956 में संशोधन किया गया था।
4. संघ सूची की प्रविष्टि 56 केंद्र सरकार को राष्ट्रीय हित के लिए अंतर-राज्यीय नदियों और नदी घाटियों पर कानून बनाने का अधिकार देती है। उपर्युक्त कथनों में से कितने सही हैं?
Answer: C
Notes:
व्याख्या :
- कथन 1 – सही। अनुच्छेद 262(2) संसद को अंतर-राज्यीय जल विवादों में सर्वोच्च न्यायालय और अन्य न्यायालयों के अधिकार क्षेत्र को प्रतिबंधित करने वाला कानून पारित करने की अनुमति देता है।
- कथन 2 – गलत। जबकि नदी बोर्ड अधिनियम, 1956 ऐसे बोर्डों का प्रावधान करता है, इस अधिनियम के तहत कभी भी कोई नदी बोर्ड स्थापित नहीं किया गया है।
- कथन 3 – सही। सरकारिया आयोग की सिफारिशों के अनुसार समयबद्ध तंत्र- ट्रिब्यूनल गठन के लिए 1 वर्ष, पुरस्कार वितरण के लिए 3 वर्ष- पेश करने के लिए अंतर-राज्यीय जल विवाद अधिनियम, 1956 में 2002 में संशोधन किया गया था।
- कथन 4 – सही। संघ सूची की प्रविष्टि 56 संसद को जनहित में अंतर-राज्यीय नदियों और नदी घाटियों से संबंधित मामलों पर कानून बनाने का अधिकार देती है।
Source– IE

