प्रधानमंत्री जन धन योजना (PMJDY) के 10 वर्ष: प्रगति, प्रभाव और चुनौतियां – बिंदुवार व्याख्या
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28 अगस्त, 2014 को प्रधानमंत्री जन धन योजना का शुभारंभ सरकार द्वारा कुल आबादी में से बैंकिंग सुविधा रहित वर्गों को औपचारिक वित्तीय प्रणाली के दायरे में लाने के अपने ठोस प्रयास में एक महत्वपूर्ण कदम था। हाल ही में इस योजना के 10 वर्ष पूरे होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस योजना की ‘महत्वपूर्ण’ उपलब्धि की सराहना की। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह योजना वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने और करोड़ों लोगों, विशेषकर महिलाओं, युवाओं और हाशिए पर विद्यमान समुदायों को सम्मान देने में सर्वोपरि थी।

इस लेख में हम PMJDY की विशेषताओं, इसकी उपलब्धियों, इसके समक्ष आने वाली चुनौतियों तथा इस योजना के माध्यम से बेहतर वित्तीय समावेशन प्राप्त करने के लिए आगे के रास्ते पर नजर डालेंगे।

कंटेंट टेबल
प्रधानमंत्री जन धन योजना (PMJDY) की विशेषताएं क्या हैं?

प्रधानमंत्री जन धन योजना (PMJDY) की प्रगति क्या रही है?

प्रधानमंत्री जन धन योजना (PMJDY) का प्रभाव और उपलब्धि क्या है?

प्रधानमंत्री जन धन योजना (PMJDY) के चुनौतियाँ:

आगे की राह क्या होनी चाहिए?

प्रधानमंत्री जन धन योजना (PMJDY) की विशेषताएं क्या हैं?

PMJDY- प्रधान मंत्री जन धन योजना (PMJDY) वित्तीय समावेशन के लिए राष्ट्रीय मिशन है जो एक किफायती तरीके से बुनियादी बचत और जमा खातों, प्रेषण, क्रेडिट, बीमा, पेंशन जैसी वित्तीय सेवाओं तक पहुंच सुनिश्चित करता है।

प्रधानमंत्री जन धन योजना 28 अगस्त 2014 को शुरू की गई है। योजना शुरू होने के दिन ही बैंकों द्वारा देश भर में 77,892 शिविर आयोजित किए और करीब 1.8 करोड़ खाते खोले गए।

योजना का उद्देश्य  इस योजना का प्राथमिक उद्देश्य सभी नागरिकों, विशेष रूप से समाज के वंचित वर्गों को सुलभ बैंकिंग सेवाएं प्रदान करना है।

योजना की मुख्य विशेषताएं

खाता सुलभता

(Account Accessibility)

प्रधानमंत्री जन धन योजना (PMJDY) का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि हर घर में कम से कम एक बैंक खाता हो।
जीरो बैलेंस अकाउंट

(Zero Balance Accounts)

PMJDY के तहत खाते न्यूनतम शेष राशि की आवश्यकता के बिना खोले जा सकते हैं। इससे कम आय वाले व्यक्तियों के लिए बैंकिंग सेवाओं तक पहुंचना आसान हो जाता है। ये खाते नियमित खाते की तरह जमा पर ब्याज प्रदान करते हैं।
ओवरड्राफ्ट सुविधा (Overdraft Facility)खाताधारक 10,000 रुपये तक की ओवरड्राफ्ट सुविधा के लिए पात्र हैं। यह विशेष रूप से महिला खाताधारकों के लिए लक्षित है.
दुर्घटना बीमा कवर (Accident Insurance Cover)PMJDY खाताधारकों को जारी किए गए रुपे कार्ड के साथ 1 लाख रुपये का दुर्घटना बीमा कवर उपलब्ध है। 28.08.2018 के बाद खोले गए नए PMJDY खातों में इसे बढ़ाकर 2 लाख रुपये कर दिया गया है।
प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (Direct Benefit Transfers)PMJDY खाते प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (DBT), प्रधान मंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (PMJJBY), प्रधान मंत्री सुरक्षा बीमा योजना (PMSBY), अटल पेंशन योजना (APY), और माइक्रो यूनिट्स विकास और पुनर्वित्त एजेंसी बैंक (MUDRA) योजना के लिए भी पात्र हैं।
वित्तीय साक्षरता

(Financial Literacy)

यह योजना खाताधारकों के बीच वित्तीय साक्षरता को बढ़ावा देने पर केंद्रित है।
बैंक मित्र

(Bank Mitras)

योजना की पहुंच बढ़ाने के लिए योजना बैंक मित्रों (बैंक प्रतिनिधियों) को नियुक्त करती है। ये बैंक मित्र देश भर में, विशेषकर ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में शाखा रहित बैंकिंग सेवाएं प्रदान करते हैं।

प्रधानमंत्री जन धन योजना (PMJDY) की प्रगति क्या रही है?

  1. बड़ी संख्या में नए बैंक खाते खोले गए (Large number of new bank accounts ) – नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, इस योजना के तहत 53.1 करोड़ खाते खोले गए हैं। इसमें 29.56 करोड़ महिला लाभार्थी खाते शामिल हैं।

PMJDY में खोले गए बैंक खातों की संख्या यूरोपीय संघ की जनसंख्या से अधिक है, और लगभग संयुक्त राज्य अमेरिका की जनसंख्या के बराबर है।

Pradhan Mantri Jan Dhan Yojana
Source- The Indian Express
Deposits in PMJDY
Source- The Indian Express
  1. बैंक खाते बैंकवार विवरण (Bank accounts bank wise) – PMJDY खातों का सबसे बड़ा हिस्सा सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के पास है।

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक में – 41.42 करोड़ नए खाते खोले गए

क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक में – 9.89 करोड़ नए खाते खोले गए

निजी क्षेत्र के बैंक में  – 1.64 करोड़ नए खाते खोले गए

ग्रामीण सहकारी बैंक में – 0.19 करोड़ नए खाते खोले गए

  1. PMJDY के तहत खातों का राज्यवार विश्लेषण (State wise analysis of accounts under PMJDY) – 

a) सबसे अधिक खाते उत्तर प्रदेश (9.45 करोड़) में खोले गए हैं और सबसे कम खाते लक्षद्वीप में (केवल 9,256 खाते) खोले गए हैं।

b) यूपी के अलावा 15 राज्यों में 1 करोड़ से अधिक PMJDY बैंक खाते बिहार, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, असम, ओडिशा, कर्नाटक, झारखंड, गुजरात, छत्तीसगढ़, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और हरियाणा में खोले गए।

प्रधानमंत्री जन धन योजना का प्रभाव और उपलब्धि क्या है?

  1. वंचित लोगों के लिए बैंकिंग सुविधा (Banking to the unbanked) 53.1 करोड़ नए बैंक खाते खोलने से देश में वित्तीय समावेशन को बढ़ावा मिला है। विश्व बैंक के फिनडेक्स डेटाबेस के अनुसार, 2014 में 53% की तुलना में 2021 में 78% भारतीय वयस्कों (15 वर्ष या उससे अधिक आयु की जनसंख्या) के पास बैंक खाता था।
  2. ग्रामीण-शहरी वित्तीय पहुंच अंतर को कम करना (Narrowing of the Rural-Urban Financial access Gap) PMJDY के तहत खोले गए कुल बैंक खातों में से 67% ग्रामीण/अर्ध-शहरी क्षेत्रों में खोले गए हैं। इससे ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के बीच औपचारिक बैंकिंग प्रणाली तक पहुंच के अंतर को कम करने में मदद मिली है।
  3. वित्तीय पहुंच के बीच लैंगिक अंतर को पाटना (Bridging the Gender Gap between financial access) खोले गए नए खातों में से लगभग 56% नए खाताधारक महिलाएं हैं। इससे वित्तीय सेवाओं तक पहुंच में लैंगिक अंतर को पाटने में मदद मिली है।
  4. वाणिज्यिक बैंक बुनियादी ढांचे का विस्तार (Expansion of Commercial Bank Infrastructure) 50 करोड़ (half a billion) से अधिक बैंक खाते खोलने से बैंकिंग सेवाओं की मांग बढ़ी है। इसने हाल के वर्षों में वाणिज्यिक बैंकों को अपने बुनियादी ढांचे का विस्तार करने के लिए प्रोत्साहित किया है। उदाहरण के लिए-
वित्तीय अवसंरचना (Financial Infrastructure)20132023% increase
अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक शाखाएं

 (Scheduled commercial banks Branches)

1,05,9921,54,98346%
ATM की संख्या (Number of ATMs)1,66,8942,16,91430%
पॉइंट ऑफ़ सेल (POS) मशीनों की संख्या

(Number of Points of Sale (POS) machines)

10.88 lakh89.67 lakh82%

 

  1. प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (DBT) को बढ़ावा देना (Promotion of Direct Benefit Transfer (DBT)) – जन धन योजना ने JAM ट्रिनिटी (जन धन, आधार और मोबाइल) के एक अभिन्न अंग के रूप में, सरकार को लाभार्थियों को सीधे लाभ हस्तांतरित करने के लिए एक अधिक कुशल प्रणाली में स्थानांतरित करने में सक्षम बनाया है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, JAM ट्रिनिटी ने 38.5 लाख करोड़ रुपये के कुल संचयी हस्तांतरण में मदद की है।
  2. वित्तीय लीकेज की रोकथाम (Prevention of financial leakages) जन धन खातों के माध्यम से प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण ने अपात्र या नकली लाभार्थियों को हटाकर वित्तीय लीकेज को रोकने में मदद की है। उदाहरण के लिए- RBI की रिपोर्ट के अनुसार, जन धन खाते के माध्यम से DBT के परिणामस्वरूप MG-NREGS और PM-Kisan सहित सरकारी योजनाओं के कार्यान्वयन में 3.48 लाख करोड़ रुपये का लाभ हुआ।
  3. संकट के समय नागरिकों को सहायता (Support to citizens in times of distress) – संकट के समय नागरिकों को सहायता प्रदान करने के लिए सरकार द्वारा JAM संरचना का उपयोग किया गया है। उदाहरण के लिए- महामारी के शुरुआती दिनों के दौरान 20 करोड़ महिला जन धन खाता धारकों को 500 रुपये का हस्तांतरण।
  4. डिजिटल भुगतान और डिजिटल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना (Promotion of Digital payments and Digital economy) JAM फ्रेमवर्क यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) का एक अभिन्न अंग है, जिसने देश में भुगतान प्रणालियों को बदल दिया है। इसने अर्थव्यवस्था में बैंकिंग लेनदेन को आसान और बढ़ा दिया है, जिससे महत्वपूर्ण आर्थिक लाभ हुआ है।

उदाहरण के लिए- UPI के तहत कम मूल्य के लेन-देन का बड़ा हिस्सा, कम आय वाले परिवारों की अपने दैनिक जीवन में औपचारिक वित्तीय लेन-देन में शामिल होने की आसान क्षमता को दर्शाता है।

योजना के साथ चुनौतियाँ:

प्रधानमंत्री जन धन योजना (PMJDY) ने 2014 में अपनी शुरुआत के बाद से भारत में वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण प्रगति की है। हालांकि, कई चुनौतियां इसकी प्रभावशीलता को बाधित करती रहती हैं।

  1. खाता प्रसुप्तावस्था और निष्क्रियता (Account Dormancy and inactivity) खोले गए खातों की उच्च संख्या (2023 तक 53 करोड़ से अधिक) के बावजूद, कई खाते प्रसुप्तावस्था और निष्क्रियता रहते हैं। उदाहरण के लिए- एक रिपोर्ट के अनुसार, PMJDY खातों का ~86.3% सक्रीय है। इससे पता चलता है कि खोले गए खातों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा निष्क्रिय रहता है।
  2. धोखाधड़ी खातों के रूप में उपयोग करें (Use as mule accounts)– PMJDY खातों का इस्तेमाल धोखाधड़ी वाली गतिविधियों जैसे कि मनी लॉन्ड्रिंग या काले धन के भंडारण में किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, निष्क्रिय PMJDY खातों में बड़ी मात्रा में धन जमा होने की रिपोर्ट ने 2016 में नोटबंदी के बाद दुरुपयोग के बारे में चिंता जताई।
  3. बुनियादी ढांचे के मुद्दे (Infrastructural Issues)– KPMG रिपोर्ट के अनुसार, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में भौतिक और डिजिटल बुनियादी ढांचे की अपर्याप्तता ने खाताधारकों की लेनदेन करने की क्षमता में बाधा उत्पन्न की है। उदाहरण के लिए- बिहार और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों के गांवों में बैंक शाखाओं या कार्यात्मक ATM की कमी।
  4. तकनीकी बाधाएं (Technological Barriers) – खराब इंटरनेट कनेक्टिविटी और अपर्याप्त बैंकिंग तकनीक ने दूरदराज के जन धन खाताधारकों के लिए बैंकिंग सेवाओं के प्रभावी प्रबंधन को प्रभावित किया है।
  5. वित्तीय साक्षरता की कमी (Lack of Financial literacy) – लाभार्थियों के बीच वित्तीय साक्षरता की कमी प्रधान मंत्री जन धन योजना (PMJDY) के प्रभावी कार्यान्वयन में एक महत्वपूर्ण बाधा है। पूर्व के लिए- PMJDY के तहत लाभार्थियों के लिए प्रदान की जाने वाली ओवरड्राफ्ट सुविधाओं और बीमा कवर के बारे में अनभिज्ञता।
  6. द्वैध खातों (Duplication of Accounts) – विभिन्न योजनाओं के तहत कई जन धन खाते खोलने से डेटा प्रबंधन जटिल हो जाता है और लाभार्थियों की वास्तविक संख्या की समझ नहीं हो पाती है।
  7. कुछ आबादी का बहिष्कार (Exclusion of Certain Populations) – जनजातीय आबादी और अत्यंत दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों सहित कुछ हाशिए पर रहने वाले समूह सामाजिक और भौगोलिक बाधाओं के कारण योजना से बाहर है। उदाहरण के लिए- छत्तीसगढ़ और झारखंड के आदिवासी क्षेत्रों में कम बैंकिंग पहुंच।
  8. लैंगिक असमानता (Gender Disparity) कुछ रूढ़िवादी ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं द्वारा सामाजिक मानदंडों के कारण स्वतंत्र रूप से PMJDY खातों का उपयोग करने की संभावना कम है। इससे उनकी गतिशीलता और वित्तीय स्वायत्तता सीमित हो जाती है।

प्रधानमंत्री जन धन योजना (PMJDY) के चुनौतियाँ:

  1. वित्तीय साक्षरता में वृद्धि (Enhancement of Financial Literacy) – स्थानीय समुदाय के नेताओं, गैर सरकारी संगठनों (NGOs) और शैक्षणिक संस्थानों के साथ साझेदारी में व्यापक वित्तीय साक्षरता अभियानों के कार्यान्वयन से वित्तीय साक्षरता और जन धन खातों के बेहतर उपयोग को बढ़ावा मिलेगा।
  2. खातों के सक्रिय उपयोग को प्रोत्साहन (Encouragement of active use of accounts) – PMJDY खातों के सक्रिय उपयोग को विभिन्न सरकारी योजनाओं, सब्सिडी और लाभों से जोड़कर प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। उदाहरण के लिए- उन योजनाओं की शुरूआत जहां खाताधारकों को बचत पर ब्याज, ओवरड्राफ्ट सुविधाएं, या डिजिटल लेनदेन के लिए कैशबैक जैसे लाभ मिलते हैं।
  3. वित्तीय सेवाओं का अधिक एकीकरण (Greater Integration of Financial Services)जन धन खातों के साथ माइक्रोक्रेडिट, पेंशन, बीमा उत्पादों जैसी वित्तीय सेवाओं के एकीकरण से जन धन खातों के सक्रिय उपयोग को प्रोत्साहित करने में मदद मिलेगी।
  4. बैंकिंग बुनियादी ढांचे में सुधार (Improvement of Banking Infrastructure) – बैंकिंग नेटवर्क का विस्तार, विशेष रूप से कम सेवा वाले ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में, अधिक शाखाएं, ATM और डिजिटल बैंकिंग टचप्वाइंट स्थापित करके। दूरदराज के क्षेत्रों तक पहुंचने के लिए व्यवसाय प्रतिनिधियों (BCs) और मोबाइल बैंकिंग इकाइयों के उपयोग को प्रोत्साहित करने से वित्तीय समावेशन की प्रक्रिया और गहरी होगी।
  5. नियमित निगरानी और प्रतिक्रिया तंत्र (Regular Monitoring and Feedback Mechanism) – PMJDY की प्रगति की नियमित निगरानी और मूल्यांकन के लिए एक प्रणाली की स्थापना तथा सुधार के क्षेत्रों की पहचान करने के लिए लाभार्थियों से फीडबैक एकत्र करने से यह सुनिश्चित होगा कि योजना बदलती जरूरतों के अनुरूप ढल जाए।
    Source- The Indian Express
    UPSC Syllabus- GS 3- Indian Economy (Financial Inclusion)
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